१. फरमान २०.९.१६३२



शाहजहाँ का राजा जयसिंह के नाम पहला फरमान
(२०.९.१५३२)
हिन्दी अनुसाद

मुहर
अबुल मुजफ्फर शिहाब अलदीन मुहम्मद साहिब ए किरान सानी, शाहजहाँ पादशाह गाज़ी सुपुत्र नूरअलदीन जहाँगीर पादशह गाज़ी सुपुत्र अकबर पादशाह सुपुत्र हुमायूँ पादशाह सुपुत्र बाबर पादशाह सुपुत्र उमर शेख मिर्जा सुपुत्र सुल्तान अबू सईद सुपुत्र सुल्तान मुहम्मद मिर्जा सुपुत्र मीरान शाह सुपुत्र अमीर तैमूर साहिब ए किरान।

तुगरा
अबुल मुजफ्फर शिहब अलदीन मुहम्मद साहिब ए किरान सानी शाहजहाँ पादशाह गाजी का समानों में उत्तम और भद्र, गर्वित कुलीनता से तथा समकालीनता का ध्यान देने योग्य एवं अनुग्रह का पात्र, सच्चा, राजभक्त, अनुरक्त सेवक राजा जयसिंह के नाम राजकीय आदेश पत्र (फरमान)

प्रतिष्ठित किया गया तथा राजकीय अनुग्रह के द्वारा पदोन्नत को ज्ञात हो कि हमने मुल्कशाह को नई खानों (कान ए जुदीद) से सफेद संगमरमर लाने के लिये आमेर भेजा है। और हम एतद्‌द्वारा आदेश देते हैं कि आवश्यक संखया में पत्थर काटने वाले (संगबर) और किराये की गाड़ियाँ (अराबा ए किराया) पत्थर लादने के लिये जिनकी उपरोक्त मुल्कशाह को आवश्यकता पड़े, को राजा उपलब्ध करायेगा। और पत्थर काटने वालों का वेतन तथा गाड़ियों के किराये की व्यवस्था वह राजकीय कोषागार (तहवीलदार) की राशि के करेगा। यह आवश्यक है कि कुलीनता का गर्वित समकालीन (राजा) मुल्कशाह को इस मामले में हर प्रकारसे सहायता करे और वह इसे अति आवश्यक समझे तथा इस आदेश (के परिपालन) में भूल न करें।
लिखा गया तारीख २८ शनिवार, इलाही वर्ष ५, ५, रवि अल अव्वल १०४२ हिजरी
तदनुसार २० सितम्बर सन्‌ १६३२



राजस्थान राज्यलेखागार बीकानेर क्र. २६ (पुराना ३८)
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Sachindra Kumar,
Apr 27, 2010, 1:53 AM
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